उसको खुश रखने की खातिर,
मेरा दिल हर रोज जला.
जब भी तूफाँ आया मन मे,
और उठी आँधी इस वन में
हलचल हर पल ही होती है
जैसे जंग लगा हो फन में
कहीं खामोशी पाने की खातिर
हर पलछिन एक बोझ जला
जब ही रिस्ते टूटना चाहें
जब ही सपने रूठना चाहें
जब भी अपना साथ छुडाये
तब ही साँसे छूटना चाहे
अपने आप को पाने की खातिर
मेरा हर पल सोज जला
दर्द यहाँ पर जब भी बढता
हर सपना शूली पर चढता
उसकी नजरों का सूनापन
हर पल मेरा ये मन पढता
अपनी रूह से उत्तर मिलता
हर कारण तू खोज जला
अनिल अयान
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मेरा दिल हर रोज जला.
जब भी तूफाँ आया मन मे,
और उठी आँधी इस वन में
हलचल हर पल ही होती है
जैसे जंग लगा हो फन में
कहीं खामोशी पाने की खातिर
हर पलछिन एक बोझ जला
जब ही रिस्ते टूटना चाहें
जब ही सपने रूठना चाहें
जब भी अपना साथ छुडाये
तब ही साँसे छूटना चाहे
अपने आप को पाने की खातिर
मेरा हर पल सोज जला
दर्द यहाँ पर जब भी बढता
हर सपना शूली पर चढता
उसकी नजरों का सूनापन
हर पल मेरा ये मन पढता
अपनी रूह से उत्तर मिलता
हर कारण तू खोज जला
अनिल अयान
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